A Review Of shiv chalisa in hindi
A Review Of shiv chalisa in hindi
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के Shiv chaisa कुंडल डाल रखें हैं।
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जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
शिव जी तो है बड़े दयालु देंगे दोनों हाथो से,
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥